6 दिनों में दवा बेचने वाले 4 लोगों की मौत से हड़कंप, हजारों जान बचाने वाले हार्ट अटैक के शिकार

लखनऊ: किसी भी अस्पताल के फार्मासिस्ट उसकी नींव होते हैं. दवा की देखरेख से लेकर मरीज को दवा देने तक की पूरी जिम्मेदारी उनके कंधों पर ही होती है. ऐसे में दूसरों को दवा देकर उनको ठीक करने वाले फार्मासिस्ट खुद की जान बचाने में पूरी तरह से बेबस नजर आ रहे हैं. यही वजह है कि पिछले 6 से 7 दिन के अंदर ही पूरे उत्तर प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में तैनात 6 फार्मासिस्ट की मृत्यु हो गई. खास बात यह है कि सभी की उम्र 35 से 45 साल के बीच थी. कुछ ऐसे भी थे जिनकी नई-नई नौकरी लगी थी. ज्यादातर फार्मासिस्ट की मौत हार्ट अटैक से हुई.

आखिर क्या है पूरा मामला यह जानने के लिए जब फार्मासिस्ट फेडरेशन के अध्यक्ष सुनील यादव से बात की गई तो उन्होंने बताया कि पूरे उत्तर प्रदेश में कुल 6 फार्मासिस्ट की जान गई है. जिसमें एक सड़क दुर्घटना का शिकार हुए हैं, जबकि पांच की शुरुआती जांच में दिल का दौरा पड़ने मौत होने की बात कही जा रही है.

काम का दबाव या कुछ और…
सुनील यादव ने बताया कि जब उन्होंने अपने सभी फेडरेशन के फार्मासिस्ट से बात की तो सामने आया है कि सभी के ऊपर काम का दबाव है. लेकिन सिर्फ इसी वजह से दिल का दौरा पड़ना नहीं कहा जा सकता. वजह कुछ और भी हो सकती है. ऐसे में जरूरी है कि एक के बाद एक अचानक हुई इन पांच मौतों के ऊपर रिसर्च होनी चाहिए और पता लगाया जान चाहिए कि आखिर क्यों इतनी तेजी से दिल के दौरे के मामले बढ़ रहे हैं.

सरकार करे मदद
सुनील यादव ने बताया कि जितने भी फार्मासिस्ट की मृत्यु दिल का दौरा पड़ने की वजह से हुई है उन सभी के बच्चे छोटे-छोटे हैं. कुछ ऐसे भी हैं जिनकी नई-नई शादी हुई थी. ऐसे में सरकार को इन फार्मासिस्ट की मदद करनी चाहिए. 15 जून को फेडरेशन की ओर से बैठक की जाएगी और उसके बाद सरकार तक बात पहुंचाई जाएगी.

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