मन ही नहीं, शरीर को भी हिला देता है नौकरी जाने का गम, दरवाजे पर होता है हार्ट अटैक, हेल्थ इंश्योरेंस भी बड़ी वजह

Lack of job higher risk of heart attack: बेरोजगारी बहुत बड़ी त्रासदी है. जो लोग इसे झेलते हैं, उन्हें मालूम है कि बेरोजगारी का दंश क्या होता है. नौकरी चली जाने के बाद मन तो हिल ही जाता है लेकिन इससे कहीं ज्यादा शरीर का पुर्जा-पुर्जा बिखरने लगता है. एक नई रिसर्च में इस बात की ताकीद दी गई है कि बेरोजगारी हार्ट अटैक जैसे जोखिमों को कई गुना बढ़ा देती है. अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की एक रिसर्च में दावा किया गया है कि बेरोजगारी, हेल्थ इंश्योरेंस नहीं होना, उच्च शिक्षा से वंचित रहना जैसे कारक हार्ट डिजीज, स्ट्रोक के जोखिम को कई गुना बढ़ा देता है. खासकर एशियन लोगों में. रिसर्च के मुताबिक ये ऐसे कारण हैं जो हेल्थ के लिहाज से सामाज में किसी व्यक्ति को मुकाम दिलाते हैं.

समय से पहले मौत का खतरा भी ज्यादा
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के मुताबिक स्टडी की नेतृत्वकर्ता और यूनिवर्सिटी ऑफ वाशिंगटन की प्रोफेसर डॉ. यूजेनी यांग कहती हैं कि आम धारणा यही है कि एशियन लोगों हेल्थ के मोर्चे पर अन्य लोगों की तुलना में थोड़ा बेहतर है लेकिन अध्ययन में ऐसी बातें सामने नहीं आई बल्कि हमारे अध्ययन में पाया गया कि जो लोग सामाजिक रूप से नौकरी की वजह से अलग-थलग रहते हैं, उनमें हार्ट से संबंधित बीमारियों का खतरा कहीं ज्यादा था. उन्होंने कहा कि एशियाई लोगों में समय से पहले हार्ट डिजीज की आशंका सबसे अधिक है. यहां तक हार्ट डिजीज के कारण इन लोगों की समय से पहले मौत का जोखिम भी ज्यादा है.

सामाजिक अलगाव भी बड़ी वजह
स्टडी में पाया गया कि डायबिटीज, हाई कोलेस्ट्रॉल, हाई ब्लड प्रेशर, मोटापा, फिजिकल एक्टिविटी में कमी, नींद में कमी, निकोटिन का सेवन जैसे कई कारक थे जिनसे हार्ट या कार्डियोवैस्कुलर डिजीज का खतरा बढ़ता है. 27 तरह के सामाजिक अलगाव पर रिसर्च में विश्लेषण किया गया. इनमें आर्थिक स्थिति, रोजगार की स्थिति, आय, पड़ौसी, सामाजिक जुड़ाव, पड़ौसियों पर विश्वास, अपना घर, किराए का घर जैसे फेक्टर शामिल थे. हार्ट की मजबूती के लिए सामाजिक जुड़ाव बहुत बड़ी चीज है. वहीं पढ़ाई लिखाई और हेल्थ केयर हार्ट डिजीज के जोखिमों से सीधा जुड़ा हुआ है. अंत में इन सारे फेक्टर के विश्लेषण करने के बाद पाया गया कि बेरोजगारी और सामाजिक अलगाव हार्ट अटैक के जोखिमों के लिए सबसे बड़ा फेक्टर है.

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