कोलेस्ट्रॉल के मरीज कृपया ध्यान दें ! हार्ट अटैक से बचने के लिए LDL और HDL के साथ यह चीज भी करें कंट्रोल

Tips To Control Triglycerides: कोलेस्ट्रॉल के मरीजों को आपने अक्सर बैड कोलेस्ट्रॉल (LDL) और गुड कोलेस्ट्रॉल (HDL) को चर्चा करते हुए देखा होगा, लेकिन अधिकतर लोग ट्राइग्लिसराइड्स पर ध्यान नहीं देते हैं. ट्राइग्लिसराइड्स भी कोलेस्ट्रॉल से जुड़ी एक समस्या है, जो हार्ट अटैक समेत कई गंभीर परेशानियों की वजह बन सकती है. एलडीएल और एचडीएल के साथ ट्राइग्लिसराइड्स को कंट्रोल करने के लिए दवाओं के साथ बेहतर डाइट, अच्छी लाइफस्टाइल और नियमित फिजिकल एक्टिविटी की जरूरत होती है. आज डॉक्टर से जानेंगे कि ट्राइग्लिसराइड क्या है और इससे कौन से खतरे हो सकते हैं.

नई दिल्ली के सर गंगाराम हॉस्पिटल के प्रीवेंटिव हेल्थ एंड वेलनेस डिपार्टमेंट की डायरेक्टर डॉ. सोनिया रावत ने News18 को बताया कि ट्राइग्लिसराइड्स हमारे खून में पाए जाने वाले फैट होते हैं, जिनका इस्तेमाल शरीर एनर्जी बनाने में करता है. हमारे खून में ट्राइग्लिसराइड्स की मात्रा 150 mg/dL से कम होनी चाहिए. इससे ज्यादा होने पर सेहत को नुकसान होने लगता है. जब ट्राइग्लिसराइड्स बैड कोलेस्ट्रॉल के साथ मिल जाते हैं, तब हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है. हाई कोलेस्ट्रॉल के मरीजों को अपने ट्राइग्लिसराइड की सही तरीके से मॉनिटरिंग करनी चाहिए और इसे कंट्रोल रखने की कोशिश करनी चाहिए. इसे लेकर लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए.

डॉक्टर सोनिया रावत कहती हैं कि ट्राइग्लिसराइड्स हमारे खाने-पीने की चीजों से बढ़ सकता है. अत्यधिक कैलोरी और फैट वाले फूड्स, अनहेल्दी फूड्स और जंक फूड्स का सेवन करने से यह समस्या बढ़ सकती है. हद से ज्यादा ट्राइग्लिसराइड्स बढ़ जाए, तो इससे शॉर्ट टर्म मेमोरी लॉस, लिवर में सूजन, पेट दर्द, स्किन की समस्याएं भी हो सकती हैं. हाई कोलेस्ट्रॉल के मरीजों का ट्राइग्लिसराइड हाई हो जाए, तो हार्ट अटैक, स्ट्रोक और अन्य हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ता है. ऐसे में ट्राइग्लिसराइड्स की समय-समय पर जांच करानी चाहिए और अगर यह ज्यादा हो, तो डॉक्टर से मिलकर दवा लेनी चाहिए.

एक्सपर्ट के अनुसार ट्राइग्लिसराइड्स को कंट्रोल करने के लिए स्टैटिन और फीनोफाइब्रेट समेत कई दवाएं इस्तेमाल की जाती हैं. इन दवाओं से कोलेस्ट्रॉल को भी कंट्रोल करने में मदद मिलती है. हालांकि लोगों को कोलेस्ट्रॉल या ट्राइग्लिसराइड्स की दवाएं अपनी मर्जी से नहीं लेनी चाहिए और समस्या होने पर डॉक्टर से मिलकर कंसल्ट करना चाहिए. नेचुरल तरीकों से ट्राइग्लिसराइड्स को नियंत्रित करने के लिए हेल्दी डाइट लेनी चाहिए, नियमित रूप से फिजिकल एक्टिविटी करनी चाहिए और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनानी चाहिए. इसके अलावा समय समय पर जांच करवानी चाहिए.

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