“हाईकोर्ट क्यों नहीं गए?” : सुप्रीम कोर्ट ने अयोग्य घोषित हिमाचल के 6 बागी विधायकों से पूछा

हिमाचल कांग्रेस के 6 बागी विधायकों को अयोग्य घोषित करने के स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (Himachal Congress Revel MLA In Supreme Court) में आज होने वाली सुनवाई टल गई. मामले में अब अगली सुनवाई 18 मार्च को होगी. जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस प्रशांत मिश्रा की बेंच ने पूछा कि इस मामले को लेकर हाईकोर्ट क्यों नहीं गए, इसमें क्या मौलिक अधिकार है. हालांकि आज अदालत ने सुनवाई टालते हुए अगली तारीख तय कर दी. कांग्रेस के 6 बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने का मामला अदालत पहुंचा है, बागी विधायकों में राजेंद्र राणा, सुधीर शर्मा, चैतन्य शर्मा, रवि ठाकुर, इंद्र दत्त लखनपाल और देवेंद्र कुमार शामिल हैं.

कांग्रेस के 6 विधायकों ने की थी क्रॉस वोटिंग

राज्यसभा चुनाव (Rajya Sabha Election) में हुई क्रॉस वोटिंग के बाद से ही हिमाचल प्रदेश में सियासी गहमा गहमी तेज हो गई थी. राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के 6 विधायकों और 3 निर्दलीय विधायकों ने बीजेपी कैंडिडेट हर्ष महाजन के लिए क्रॉस वोटिंग की थी. इसके बाद हिमाचल सरकार खतरे में आ गई थी. राज्यसभा की एकमात्र सीट के लिए हुए चुनाव में कांग्रेस (Congress) के 6 विधायकों ने पार्टी लाइन से हटकर बीजेपी (BJP) के लिए क्रॉस वोटिंग (Cross Voting)की थी. इसके बाद सरकार पर खतरा मंडराने लगा था. हालांकि जैसे-तैसे सुक्खू सरकार बच गई. हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष ने क्रॉस वोटिंग करने वाले कांग्रेस के छह बागी विधायकों को अयोग्य करार दे दिया था.

अयोग्यता के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौत

विधानसभा अध्यक्ष के इस फैसले के बाद से इन विधायकों की सदस्यता भी रद्द कर दी गई थी. इन छह कांग्रेसी विधायकों के खिलाफ यह फैसला पार्टी द्वारा जारी किए गए व्हिप को ना मानने की वजह से लिया गया था. सूत्रों के अनुसार इन सभी विधायकों दल-बदल कानून के तहत अयोग्य घोषित किया गया. इन विधायकों ने स्पीकर के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. लेकिन आज होने वाली सुनवाई टल गई, जिसके बाद अगली सुनवाई के लिए सर्वोच्च अदालत ने 18 मार्च की तारीख तय की है

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