एक फोन कॉल से कांप गई पुलिस, पूरी ट्रेन खंगाल डाली, फिर जो मिला उसने उड़ा दिए होश

आगरा. पुलिस को फोन पर तरह-तरह की सूचनाएं मिलती रहती हैं. कभी ये फेक कॉल होते हैं तो कभी इन्‍हीं सूचनाओं से बड़े मामले पकड़े जाते हैं. ऐसे ही जीआरपी आगरा को फोन के जरिए एक सूचना मिली थी. इस पर काम करते हुए पुलिस को बड़ा कदम उठाना पड़ा और उसने सचखंड एक्‍सप्रेस के कोने-कोने को बहुत सजगता के साथ खंगाला. राहत की बात है कि ये सूचना सही साबित हुई और पुलिस को बड़ी सफलता मिल गई. यहां से 2 तस्‍करों को मय माल के अरेस्‍ट किया गया है.

गांजा, अफीम और चांदी तस्करों के लिए ट्रेन मुफीद सवारी बनती जा रही है. जीआरपी की तमाम कोशिशें भी तस्करों पर लगाम नहीं लगा पा रहीं हैं. बीते दिनों कोच अटेंडेंट के साथ मिलाकर शराब की तस्करी करते हुए दबोचा गया था. अब मंगलवार को जीआरपी आगरा कैंट ने सचखंड एक्सप्रेस से चांदी के दो तस्करों को दबोचा है. उनके कब्जे से 42 किलो चांदी बरामद की गई है. तस्कर महाराष्ट्र के औरंगाबाद से चांदी ला रहे थे.

37 लाख की चांदी और 3 लाख से अधिक नकद
पुलिस अधीक्षक रेलवे आदित्य लांगहे के निर्देश पर ट्रेनों और स्टेशनों पर आपराधिक घटनाओं एवं तस्करी की रोकथाम के लिए सघन चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है. जीआरपी आगरा कैंट ने 17 जून को रेलवे स्टेशन आगरा कैंट के मेन गेट से 02 संदिग्ध व्यक्तियों से 41.75 किग्रा चांदी (चांदी के आभूषण, चांदी के नग, कच्ची चांदी) के साथ गिरफ्तार किया है. पकड़ी गई चांदी के दाम 37 लाख बताए गए हैं. आरोपियों के पास से 3,33,000 रुपये (तीन लाख तैतीस हजार रुपये) की नगदी भी बरामद की गई है.

आगरा में खपा रहे थे चांदी को, टैक्‍स की हो रही थी चोरी
इस बाबत आयकर और जीएसटी विभाग को सूचित कर कर दिया गया है. पकड़े गए तस्करों में झांसी निवासी मनीष चोकसे और आगरा निवासी अतुल शिवहरे शामिल हैं. आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि हम लोग चांदी और चांदी के आभूषण महाराष्ट्र के औरंगाबाद से लेकर आते हैं. इसे आगरा में जगह जगह दुकानदारों को बेच देते हैं. इससे टैक्स की बचत हो जाती है और अच्छा मुनाफा मिल जाता है. आरोपी चांदी और नकदी के बाबत कोई दस्तावेज नहीं दिखा सके.

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