रात में लगाते हैं जाल, तो सुबह होते हैं कामयाब, बाजार में आते हैं खत्म हो जाती है ये मछली

अगर आप भी मछली खाने के शौकीन हैं और आरा शहर में घूम रहे हैं, तो एक बार यहां की सोन नदी से निकलने वाली बचवा मछली जरूर खाएं. यकीन मानिए! इसके स्वाद के आप भी दीवाना हो जाएंगे. वैसे तो बचवा मछली तकरीबन हर तेज बहाव वाली नदी से निकलती है, लेकिन सोन नदी से निकलने वाली बचवा मछली का स्वाद सबसे अलग होता है. अलग टेस्ट होने के कारण ही इस मछली की डिमांड बिहार के कई जिलों में होती है. कोईलवर की सोन नदी की बचवा मछली खरीदने जिले के विभिन्न प्रखंडों से लोग तटवर्ती इलाकों में पहुंचते है. इसे हर नॉन वेज के शौकीन खाना पसंद करते हैं.

सोन नदी की बचवा मछली का रेट बाजार में 350 रुपए से लेकर 400 रुपए तक है. जब सोन नदी में पानी कम होने लगता है, तब यह भरमार मिलने लगती है. मछली माही करने वाले नदी में रात को जाल लगाते हैं और अगले दिन अहले सुबह मछली लेकर बाजार पहुंच जाते हैं. जैसे ही यह मछली बाजार लाई जाती है, इंतजार में खड़े लोग खरीदने को टूट पड़ते हैं. स्थानीय असनैन का कहना है कि सोन नद की बचवा मछली खाने के लिए टाटा, उड़ीसा, दिल्ली, गया, बेंगलुरु जैसे शहर में रहने वाले उनके रिश्तेदार भी यहां आते रहते हैं. इस मछली की खासियत यह है कि इस मछली में सिर्फ बीच में एक कांटा होता है. उसके निकलने के बाद आप इसे आराम से खा सकते हैं. जानकार बताते हैं कि इस मछली में पाए जाने वाला ओमेगा-3 फैटी एसिड दिल और मांस-पेशि‍यों को मजबूत बनाता है.

ऐसे तैयार की जाती है बचवा मछली
बचवा मछली खाने की शौकीन गृहणी सोनल सिंह बताती हैं कि सबसे पहले पेट काटकर मछली को साफ कर लिया जाता है. उसके बाद उसमें अन्य मछलियों जैसा तैयार किया जाता है. फिर उसको तेल में फ्राई कर लिया जाता है. ग्रेवी में डालकर कुछ देर पका देने के बाद यह खाने के लिए तैयार हो जाती है. वह बताती हैं कि हमारे घर में कई लोग फ्राई बचवा मछली ही खाते हैं. फ्राई मछली ज्यादा स्वादिष्ट होती है. तो अगर आप भी कभी भोजपुर आएं तो यहां की सोन नदी का बचवा मछली खाना न भूलें.

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