तीन पीढ़ी से बरकरार है इस भरतपुरिया मावा कुल्फी का स्वाद, ऐसे होती है तैयार, देखें Video

गर्मी के मौसम की शुरुआत होते ही शीतलता समेटे खाद्य पदार्थों की दुकानें सजने लगी हैं. परम्परागत रूप से बिक रहा गन्ने का रस, छाछ, लस्सी कस्बों और नगरों के हर चौराहों व भीड़भाड़ वाले बाजारों में बेचे जा रहे हैं. ऐसे में भरतपुर की शान कुल्फी कहां पीछे रह सकती है. भरतपुर में ऐसे कई परिवार हैं जो पीढ़ियों से कुल्फी बेचने का काम करते आ रहे हैं. इन्हीं में से एक परिवार है पिंटू सोनी का, जो तीन पीढ़ियों से कुल्फी बनाने का काम कर रहा है.

भरतपुर बृज क्षेत्र होने से यहां दूध-दही और उन पर आधारित विभिन्न प्रकार के व्यंजनों को विशेष महत्ता प्रदान की जाती है. क्षेत्र की यही खासियत ही यहां की कुल्फी को खास बनाती है. कुल्फी व्यवसाय में तीसरी पीढ़ी के सदस्य के रूप में काम कर रहे ये कारीगर अपने स्वयं के पशुओं के दूध से ही इस भरतपुरी कुल्फी को बनाते हैं. जबरदस्त गर्मी के मौसम में तरोताजा कर देने वाली इस मावा कुल्फी को बनाने का तरीका बहुत ही जटिल होता है.

ऐसे तैयार होती है कुल्फी
मावा कुल्फी बनाने वाले पिंटू सोनी बताते हैं कि इस मावा कुल्फी को बनाने के लिए सब से पहले सुबह जागकर पशुओं के दूध दुहने के साथ ही मावा कुल्फी बनाने वाले कारीगरों को इस काम में जुटना पड़ता है. इसके बाद दूध को बड़े कड़ाहों में उबालकर रवादार रबड़ी बनाने की प्रक्रिया का अहम हिस्सा होता है. रबड़ी तैयार होने पर उसे आंच से उतारकर ठण्डा किया जाता है. उसके बाद शक्कर मिलाई जाती है. फिर तैयार मिश्रण में इलायची का बारीक पिसा हुआ पाउडर मिलाते हैं. अन्त में इसमें सूखे मेवे मिलाकर इसे अलग-अलग साइज और मात्रा के सांचों में डालकर कुल्फी की शक्ल दी जाती है. उसके बाद उन्हें लपेटकर कुल्फी के लिए तैयार विशेष प्रकार के पाउचों में भर दिया जाता है. इसके बाद लाजवाब स्वाद से भरपूर यह भरतपुरिया मावा कुल्फी बिक्री के लिए तैयार है.

बाबा कजोडा बाबा के नाम से मशहूर है कुल्फी
पिंटू सोनी बताते हैं कि हमको यह मावा कुल्फी का काम करते हुए तीसरी पीढ़ी हो गई है. इस मावा कुल्फी को हमारे दादा कजोडा बाबा बनाते थे उसके बाद हमारे पिताजी ने काम संभाल और पिताजी के बाद यह मावा कुल्फी का काम हम संभाल रहे हैं. हमारी यह मावा कुल्फी हमारे बाबा कजोडा बाबा के नाम से मशहूर है. हमारी यह कुल्फी खाने मे काफ़ी स्वादिष्ट होती है. साथ ही इस मावा कुल्फी का भाव बाजार में ₹10 से लेकर ₹50 तक रहता है. इसमें भी आपको अलग-अलग साइज की कुल्फी देखने के लिए मिल जाएगी जिन्हें भरतपुर के लोग काफ़ी अधिक मात्रा में पसंद करते हैं.

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