महाशिवरात्रि पर 300 साल बाद बन रहा है दुर्लभ संयोग, शिवाभिषेक से पूरी होगी मनोकामना।

महाशिवरात्रि पर 300 साल बाद बन रहा है दुर्लभ संयोग, शिवाभिषेक से पूरी होगी मनोकामना

इस बार महाशिवरात्रि पर 300 साल बाद विशेष दुर्लभ शुभ संयोग बन रहे हैं। महाशिवरात्रि शुक्रवार को श्रद्धा के साथ मनाई जाएगी।

महाशिवरात्रि शुक्रवार को श्रद्धा के साथ मनाई जाएगी। इस दौरान शिव मंदिरों में भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना व रुद्राभिषेक आदि विभिन्न धार्मिक आयोजन होंगे। इस बार महाशिवरात्रि पर 300 साल बाद विशेष दुर्लभ शुभ संयोग बन रहे हैं।

300 साल बाद विशेष दुर्लभ शुभ संयोग

इस दिन मकर राशि में मंगल व चन्द्रमा की युति से चन्द्र मंगल योग, कुंभ राशि में शुक्र, शनि व सूर्य की युति और मीन राशि में राहु व बुध की युति से त्रिग्रही योग बन रहा है। इसके साथ ही श्रवण नक्षत्र, शिव योग व भृगु (शुक्र ) प्रदोष व्रत का भी शुभ संयोग रहेगा। इस दौरान भगवान शिव की पूजा, व्रत, अभिषेक व रुद्राभिषेक करने से सुख-समृद्धि बढ़ने के साथ ही श्रद्धालुओं की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है।
शिवरात्रि की महिमा
हिन्दू परंपरा के अनुसार, इस दिन शिवजी का प्राकट्य हुआ था. शिवजी का विवाह भी इस दिन माना जाता है. इस दिन व्रत, उपवास, मंत्रजाप और रात्रि जागरण का विशेष महत्व बताया गया है. शिवरात्रि की प्रत्येक पहर परम शुभ होती है. महाशिवरात्रि पर महादेव और मां पार्वती की विधिवत पूजा-अर्चना से भक्तों को मनचाहा वरदान मिलता है. ये पूजा चार प्रहर में की जाती है.
चार प्रहर पूजन के ये रहेंगे मुहूर्त

प्रथम प्रहर- शाम 6 बजकर 28 मिनट से रात्रि 9 बजकर 32 मिनट तक
द्वितीय प्रहर- रात्रि 9 बजकर 33 मिनट से 12 बजकर 37 मिनट तक
तृतीय प्रहर- मध्यरात्रि बाद 12 बजकर 38 मिनट से 3 बजकर 41 मिनट तक
चतुर्थ प्रहर-मध्यरात्रि बाद 3 बजकर 42 मिनट से सुबह 6 बजकर 46 मिनट तक

 

संपादक : बी एल सरोज

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